cyclones

चक्रवात --चक्रवात निम्मन वायुदाब वाला तूफान है जो प्राय दो भिन्न वायु राशियों के मिलने से बनता है यह एक प्रकार का समुद्र तूफान भी होता है जो समुद्र क्षेत्र से निकलकर तटीय भागों में पहुंचकर भारी तबाही एवं विनाश का द्रश्य प्रस्तुत करता है | इन समुद्रीय तूफानों को विस्व में अलग अलग नामों से जाना जाता है जैसे - उत्तरी अमेरिका में हरीकेन ऑस्ट्रेलिया में विलीविजीज चीज में टायफान तथा भारत में चक्रवात कहा जाता है |

चक्रवात की उत्तपत्ति के कारण -- इसकी उत्तपत्ति का कारण सागरीय क्षेत्र में हवा का दबाव अत्यधिक न्यून होना है जिसके कारण समुद्र में कुछ विशेष प्रकार की तरंगे उठती है जिन्हें तूफान तरंगे कहा जाता है इन तूफान तरंगो की गति निरंन्तर बढ़ती जाती है | जब यह तूफान एक साथ किसी दिशा में बढ़ता है तब उन क्षेत्रों में भारी विनाश करता है | चक्रवात मुख्य रूप से उष्णकटिबन्धीय  क्षेत्रों में आते है | यह अण्डाकार आकृति का निमनदाब  का क्षेत्र  होता है जो घन सम्भार रेखाओं से घिरा है | चक्रवात में बहुत तेज हवायें चलती है तथा मूसलाधार वर्षा होती है |
             चक्रवात की उत्तपति से पूर्व निमन अवस्थाएं उत्तपन्न होती है |
1    महासागरीय तल का तापमान 26 डिग्री से अधिक हो जाता है |
2     बन्द समदाब रेखाओ का विकास होता है |
3     निमन वायुदाब 1000 मिलीवार से कम होता है |
4      चक्रीय गति के क्षेत्र जो शुरू में 30-50 किमी अर्द्ध - व्यास के होते है इनका विस्तार क्रमश 100-200 किमी तक हो जाता है |
चक्रवात के दुष्प्रभाव
 1   मूसलाधार वर्षा के कारण तटीय क्षेत्रों में केले व् नारियल की खेती अत्यधिक प्रभावित होती है |
 2    अनिवार्य सेवांए एवं संचार के साधन जिसे - बिजली, पानी, टेलीफोन, यातायात आदि बुरी तरह प्रभावित होते है |
 3   चक्रवात जलपोतों के लिए अधिक विनाशकारी होते है | चक्रवात के कारण ही ओडिशा का पाराद्वीप पूणतः नस्ट हो गया था |
चक्रवात प्रभावित क्षेत्र -- चक्रवात भारत में मुख्य रूप से बंगाल की खाड़ी वाले क्षेत्रों में आते है जिसका प्रभाव पूर्वी भारत एवं बाग्लदेश को झेलना पड़ता है |   

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