jalvayu ka manav jeevan pr prbhav

जल वायु का मानव जीवन पर प्रभाव
        जलवायु एक ऐसा पर्यावरणीय घटक है जो मानव जीवन को अत्यधिक  प्रभावित करता है | जलवायु की क्षेत्रीय विभिन्नता के आधार पर ही मानव अपने रहन- सहन, खान- पान, वेशभूसा आदि निश्चित करता है | भरतीय जलवायु मानव जीवन को अनेक प्रकार से प्रभावित करती है, जिसका विवरण निमन प्रकार है | 
1   कृषि  पर प्रभाव ----- भारत एक कृषि प्रधान देश है कृषि एसा व्यवसाय है जो पूणर्तः जलवयू, तापमान, वर्षा आदि पर निर्भर है | जलवायु के अनुसार ही विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग प्रकार की फसलें उगाई जाती है | 
2    जनसंख्या घनत्व पर प्रभाव ----  भारत के जिन क्षेत्रों में सामान्य तथा स्वास्थ्यवरधक जलवायु पाई जाती है वहीं पर जनसंख्या घनत्व अधिक होता है जैसे -गंगा का मैदान, समुद्रतटीय मैदानी भाग आदि | इसके विपरीत घनत्व कम देखा जाता है जैसे - भरतीय मरुस्थल | 
3      आर्थिक क्रियाकलापों पर प्रभाव ---- मानव के बहुत से आर्थिक क्रियाकलापों  का नियंत्रण जलवायु द्वारा होता है | उदाहरणस्वरूप लकड़ी काटना, शिकार करना, मछली पकड़ना , पशुपालन आदि | 
4      परिवहन तथा व्यापर पर प्रभाव ----  भारत को जो क्षेत्र आंधी तूफान, कुहरा, अधिक वर्षा आदि से ग्रस्त है यहां रेल परिवहन, वायु परिवहन तथा जल  परिवहन का विकास नहीं हो पता, जिस कारण ऐसे क्षेत्रों में व्यापारिक क्रियांए विकसित नहीं हो पाती | 
5     मनुष्य के शारीरिक एवं मानसिक विकास पर प्रभाव ----  मानव शरीर और मस्तिक की कार्यक्षमता पर जलवायु का बड़ा प्रभाव पड़ता है | उदाहरणस्वरूप साधारण गमर  एवं शीतोष्ण जलवायु मनुष्य को शारीरिक एवं मानसिक शक्ति की द्र्ष्टि से सशक्त बनती है | इसके विपरीत उष्ण तथा आर्द जलवायु न केवल मनुष्य के सनायु को शिथिल बनती है बल्कि अनेक प्रकार के रोगों का शिख्रर बना देती है | 
6     जनसंख्या पर प्रभाव ---- जनसंख्या के वितरण में जलवायु का महत्वपूण स्थान है | गर्म आर्द जलवायु वाले प्रदेशों के निवासियों की प्रजनन शक्ति  शीत एवं शीतोष्ण प्रदेशों के निवासियों की अपेक्षा अधिक् होती है | 

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