परिवहन के नए साधन, पाइपलाइन परिवहन
परिवहन के नए साधन
यातायात के नए साधनों में रज्जु पथ एवं नल परिवहन आते है
रज्जु पथ
पृथ्वी पर उपस्थित दुर्गम क्षेत्र जहाँ यातायात के अन्य मार्गों जेसे - सड़क यातायात , रेल यातायात का विकास समुचित ढंग से नहीं हो पाता वहाँ रज्जु पथ के माध्यम से व्यक्तियों तथा माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जाता है। चाय के क्षेत्रों तथा खानों के क्षेत्रों में इस प्रकार के साधनों का प्रयोग किया जाता है। अवसंरचनात्मक मार्गों जैसे - पुल व् बाँध बनाने तथा उनसे संबन्धित सामग्री पहुँचाने में रज्जु पथ का प्रयोग किया जाता है इस प्रकार के मार्गो के प्रयोग की अपनी सीमा है।
पाइपलाइन परिवहन
परिवहन के इस साधन का प्रयोग उस क्षेत्र में हुआ है , जहाँ खनिज तेल से संपन्न क्षेत्र होते है। परिवहन का यह साधन खनिज तेल क कुओं से तेल - शोधक कारखानों तक तेल पहुंचाने का एक सुगम उपाय है। पाइपलाइन के बन जाने पर उससे बहुत समय तक तेल ढोने का काम किया जा सकता है।
पाइपलाइन परिवहन काविकास
आँयल इण्डिया लिमिटेड OIL कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस की खोज उत्पादन और परिवहन का काम देखता है। इसकी स्थापना वर्ष 1959 में की गई थी। वर्ष 1960 के बाद नए तेल - क्षेत्रों की खोज और अनेक तेल शोधनशालाओं की स्थापना के कारण देश में कई स्थानों पर पाइपलाइनें बिछाई गई है।
प्रमुख पाइपलाइनें
भारत में पहली पाइपलाइन डिगबोर्ड से बेरनी बिहार तक वर्ष 1964 में बनाई गयी। इसके द्वारा तेल असम के तेल कुआँ से कच्चे तेल को शोधन हेतु बरौनी रिफायनरी लाया जाता है।
वर्ष 1946 - 79 के दौरान हजीरा - बीजापुर - जगदीशपुर पैप्पलाईन के निर्माण के बाद से भारत में पाइपलाइन परिवहन का विकास त्वरित गति से होने लगा H-B-J पाइपलाइन देश की सबसे लम्बी 1,750 किमी पाइपलाइन है।
गुजरात राज्य में विभिन्न तेल क्षेत्रों से कोयली तेल शोधनशाला तक अनेक पाइपलाइनें बिछाई गई है। इनमे से प्रमुख है , अंकलेश्वर से कोयली , खम्भात से धुवरन , अंकलेश्वर से उत्तरण ,अंकलेश्वर से वडोदरा तथा अहमदाबाद से कोयली पाइपलाइनें।
एक पाइपलाइन कच्छ की खाड़ी के किनारे पर स्थित सलाया से मथुरा के बीच बिछाई गई है , जो 1,256 किमी लम्बी है। इस पाइपलाइन से मुंबई हाई से प्राप्त तथा आयातित तेल को मथुरा तेल शोधशाला तक ले जाता है।
थुरा से दिल्ली , पानीपत , अम्बाला होती हुई जालंधर तक पाइपलाइन बिछाई गई है इससे पानीपत तेलशोधनशाला को भी लाभ होगा। इस पाइपलाइन को कोयली से भी जोड़ दिया गया है।
आगरा - फिरोजपुर पाइपलाइन निर्माणधीन है। इसके द्वारा प्राकृतिक गैस का परिवहन होगा।
गैस पाइपलाइन
वर्ष 1984 में स्थापित भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड भारत में तेल व गैस पाइपलाइनों का संचालन करता है।
मुंबई हाई से मुंबई तट तक तेल लाइन के साथ - साथ 210 किमी लम्बी एक गैस पाइपलाइन बिछाई गई है।
गुजरात में केबे से धुवरन , अंकलेश्वर से उत्तरण , अंकलेश्वर से वडोदरा तथा कोयली से अहमदाबाद गैस पाइपलाइन उल्लेखनीय है।
पाइपलाइन परिवहन का महत्व
तरल और गैस पदार्थों के परिवहन के लिए पपाइपलाइनें उपयोगी सिद्ध हुई है। पाइपलाइनों को उन जगहों पर भी बिछाया जा सकता है , जहाँ भूमि समतल नहीं है। पाइपलाइनों के संचालन और रख - रखाव में लागत भी अपेक्षाकृत कम आती है। इसमें ऊर्जा का उपयोग भी कम मात्रा में होता है।
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