3
औद्योगिक विकास की उपलब्धियाँ --
पंचवर्षीय योजनाओं तथा औद्योगिक विकास के प्रति सरकार की नीति के कारण भारत में औधोगिक विकास काफी तेज हुआ है। औद्योगिक विकास के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था की उपलब्धियों को निमन रूप में बताया है।
1 औद्योगिक विकास से देश की अर्थव्यवस्था को बल मिला है तथा आर्थिक विकास की गति तीव्र हुई है।
2 सर्वजनिक उपक्रमों का तेजी से विकास हुआ है।
3 आधारभूत संरचनाओं का विकास भी औद्योगिक विकास की ही देन है।
4 औद्योगिक विकास के कारण ही भारी मशीनरी , इंजीनियरिंग वस्तुओं तथा उतपन्न उद्योगों के विकास में आत्मनिर्भरता प्राप्त हुई है।
5 औद्योगिक विकास के कारण ही आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।
6 साँफ्टवेयर में उच्च प्रगति भी औद्योगिक विकास की ही देन है।
7 रोजगार सृजन , जीवन स्तर में वृद्धि तथा सामाजिक विकास की बेहतर होती स्थिति औद्योगिक विकास की उपलब्धियों को सिद्ध करती है।
औद्योगिक विकास के लिए उठाए गए कदम --
स्वतंत्रता प्राप्ती के साथ ही भारत में औद्योगिक विकास की दिशा में गम्भीर प्रयास किए गए। तत्कालीन प्र्धानमंत्र्री जवाहरलालनेहरु ने समाजवादी तरीके से भारत के औद्योगिक विकास का सफल प्रयास किया। तब से लेकर आज तक औद्योगिक विकास के लिए कई मह्त्वपूर्ण कदम उठाए गए।
औद्योगिक नीति -- औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहित करने तथा उसे सही दिशा प्रदान करने के लिए औद्योगिक नीति का निर्माण किया गया। इस प्रकार की पहली नीति वर्ष 1948 में बनाई गई।
पंचवषर्वीय योजना -- आद्योगिक विकास को गति एवं दिशा प्रदान करने के लिए पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण वर्ष 1951 से प्रारम्भ हुआ। दूसरी पंचवर्षीय योजना में औद्योगिक विकास को प्राथमिकता प्रदान की गई थी।
सार्वजनिक उपक्रमों की स्थापना -- व्रिटिश शासन की शोषणकारी नीति तथा आर्थिक लूट के कारण स्वतंत्रता प्राप्ति तक भारतीय उद्योगों का विकास न के बराबर हुआ था , साथ ही निजी क्षेत्र की आर्थिक स्थिति भी बेहतर नहीं थी। ऐसे में सरकार द्वारा स्वयं सार्वजनिक उपक्रमों की स्थापना कर औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने का प्रयास किया गया।
संरचनात्मक सुविधाओं के विकास पर बल -- संरचनात्मक सुविधाओं के बिना औद्योगिक विकास सम्भव नहीं है , इसलिए सरकार द्वारा सड़क , विजली तथा अन्य सुविधाओं के विकास पर काफी जोर दिया जा रहा है। हाई - वे , एक्सप्रेसवे , स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना , कॅरिडोर परियोजना , डेडिकेटिड फ्रण्ट कॅरिडोर परियोजना इत्यादि पर काफी बल दिया जा रहा है।
नई आर्थिक नीति -- औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने तथा उसे विश्व व्यापार से जोड़ने के लिए वर्ष 1991 में नई आर्थिक नीति को अपनाया गया। इस नीति के अन्तर्गत उदारीकरण , निजीकरण तथा भूमण्डलीकरण को अपनाया गया। इससे उद्योगों में नई प्रबन्धकीय कुशलता तथा आधुनिक तकनीकों का आगमन हुआ। इससे औद्योगिक विकास को गति प्राप्त हुई।
पंचवर्षीय योजनाओं तथा औद्योगिक विकास के प्रति सरकार की नीति के कारण भारत में औधोगिक विकास काफी तेज हुआ है। औद्योगिक विकास के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था की उपलब्धियों को निमन रूप में बताया है।
1 औद्योगिक विकास से देश की अर्थव्यवस्था को बल मिला है तथा आर्थिक विकास की गति तीव्र हुई है।
2 सर्वजनिक उपक्रमों का तेजी से विकास हुआ है।
3 आधारभूत संरचनाओं का विकास भी औद्योगिक विकास की ही देन है।
4 औद्योगिक विकास के कारण ही भारी मशीनरी , इंजीनियरिंग वस्तुओं तथा उतपन्न उद्योगों के विकास में आत्मनिर्भरता प्राप्त हुई है।
5 औद्योगिक विकास के कारण ही आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।
6 साँफ्टवेयर में उच्च प्रगति भी औद्योगिक विकास की ही देन है।
7 रोजगार सृजन , जीवन स्तर में वृद्धि तथा सामाजिक विकास की बेहतर होती स्थिति औद्योगिक विकास की उपलब्धियों को सिद्ध करती है।
औद्योगिक विकास के लिए उठाए गए कदम --
स्वतंत्रता प्राप्ती के साथ ही भारत में औद्योगिक विकास की दिशा में गम्भीर प्रयास किए गए। तत्कालीन प्र्धानमंत्र्री जवाहरलालनेहरु ने समाजवादी तरीके से भारत के औद्योगिक विकास का सफल प्रयास किया। तब से लेकर आज तक औद्योगिक विकास के लिए कई मह्त्वपूर्ण कदम उठाए गए।
औद्योगिक नीति -- औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहित करने तथा उसे सही दिशा प्रदान करने के लिए औद्योगिक नीति का निर्माण किया गया। इस प्रकार की पहली नीति वर्ष 1948 में बनाई गई।
पंचवषर्वीय योजना -- आद्योगिक विकास को गति एवं दिशा प्रदान करने के लिए पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण वर्ष 1951 से प्रारम्भ हुआ। दूसरी पंचवर्षीय योजना में औद्योगिक विकास को प्राथमिकता प्रदान की गई थी।
सार्वजनिक उपक्रमों की स्थापना -- व्रिटिश शासन की शोषणकारी नीति तथा आर्थिक लूट के कारण स्वतंत्रता प्राप्ति तक भारतीय उद्योगों का विकास न के बराबर हुआ था , साथ ही निजी क्षेत्र की आर्थिक स्थिति भी बेहतर नहीं थी। ऐसे में सरकार द्वारा स्वयं सार्वजनिक उपक्रमों की स्थापना कर औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने का प्रयास किया गया।
संरचनात्मक सुविधाओं के विकास पर बल -- संरचनात्मक सुविधाओं के बिना औद्योगिक विकास सम्भव नहीं है , इसलिए सरकार द्वारा सड़क , विजली तथा अन्य सुविधाओं के विकास पर काफी जोर दिया जा रहा है। हाई - वे , एक्सप्रेसवे , स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना , कॅरिडोर परियोजना , डेडिकेटिड फ्रण्ट कॅरिडोर परियोजना इत्यादि पर काफी बल दिया जा रहा है।
नई आर्थिक नीति -- औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने तथा उसे विश्व व्यापार से जोड़ने के लिए वर्ष 1991 में नई आर्थिक नीति को अपनाया गया। इस नीति के अन्तर्गत उदारीकरण , निजीकरण तथा भूमण्डलीकरण को अपनाया गया। इससे उद्योगों में नई प्रबन्धकीय कुशलता तथा आधुनिक तकनीकों का आगमन हुआ। इससे औद्योगिक विकास को गति प्राप्त हुई।
Comments
Post a Comment