राजकीय हस्तक्षेप की आवश्यकता --

राजकीय हस्तक्षेप की आवश्यकता -- 

देश के सामाजिक - आर्थिक विकास को गति प्रदान करने तथा उसे सही दिशा देने के लिए राजकीय हस्तक्षेप आवश्यक होता है। सरकार का यह कर्तव्य है कि साधारण जनता के कल्याण को अधिकतम करे। 

कुशल प्रशासन तथा कानून व्यवस्था की स्थापना -- आर्थिक विकास के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाओं की पूर्ण अनिवार्यता होती है। इसके अतिरिक्त सामाजिक तथा आर्थिक स्थिरता एवं शान्ति की भी आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में सरकार पुलिस तथा प्रशासन के माध्यम से हस्तक्षेप करती है।

विकास का वातावरण पैदा करना -- आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है कि देश के आर्थिक वातावरण को उद्योगों के अनुकूल बनाया जाए। इसके लिए सरकार सामाजिक उन्नयन तथा शिक्षा के माध्यम से हस्तक्षेप करती है।

प्रेरक वातावरण बनाना -- आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए आर्थिक प्रेरणा जरूरी होती है। इसके लिये सरकार विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से प्रयास करती है।

उपयुक्त संस्थाओं  के माध्यम से हस्तक्षेप -- आर्थिक विकास को सही दिशा प्रदान करने के लिए राज्य विभिन्न प्रकार की संस्थाओं जैसे - नीति आयोग , वित्त आयोग , कृषि आयोग इत्यादि के माध्यम से हस्तक्षेप करती है।

कुशल श्रमशक्ति -- विशाल आबादी होने के बाद भी भारत्त में कुशल श्रमिकों का आभाव है। इसके लिए सरकार विभिन्न प्रकार के कौशल - विकास कार्यक्रमों के माध्यम से भूमिका निभाती है।

जनांकिकी सुधार -- आर्थिक विकास को गति प्रदान करने तथा सामाजिक कल्याण को अधिकतम करने के लिए विस्फोटक जनसंख्या वृद्धि दर , जन्म दर अशिक्षा आदि पर नियंत्रण आवश्यक है। इसके लिए सरकार विभिन्न तरह के प्रयास करती है।

तार्किक कर प्रणाली -- कर प्रणाली का प्रत्यक्ष प्रभाव औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ता है। आर्थिक विकास को गति देने तथा निवेश का वातावरण बनाने के लिए तार्किक  कर प्रणाली का होना आवश्यक है।

नवप्रवर्तन एवं निवेश को बढ़ावा -- सरकार विभिन्न प्रकार की वित्तीय संस्थाओं जैसे - बैंकिंग व्यवस्था , साख या ऋण व्यवस्था आदि के माध्यम से निवेश को बढ़ावा देती है। इसके अतिरिक्त विभिन्न अनुसंधान कार्यक्रमों द्वारा नवप्रवर्तन को प्रोत्साहित करती है।

विदेशी व्यापार को प्रोत्साहन -- सरकार अपनी नीतियों के द्वारा देश में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देने के साथ - साथ निर्यात को भी अधिकतम करने का प्रयास करती है।

सामाजिक उन्नयन -- राष्ट्र का आर्थिक विकास सामाजिक विकास से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है। जब तक गरीबी व्  वेरोजगारी जैसी सामाजिक समस्याएँ रहेंगी , तब तक आर्थिक विकास सम्भव नहीं होगा। यहाँ सरकार की भूमिका इन सामाजिक समस्याओं को दूर करने में महत्वपर्ण होती है।

राजकीय हस्तक्षेप के उद्देश्य -

प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण विदोहन करना।
विकेन्द्रीकरण औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना जिससे क्षेत्रीय असमानता में कमी आए।
आर्थिक संकेन्द्रण को कम करना तथा एकाधिकारी प्रवृति पर नियंत्रण करना।
महत्वपूर्ण विदेशी विनिमय का तार्किक उपयोग।
राष्ट्रिय हित को सुरक्षित करने के लिए विदेशी निवेश को निर्देदित करना। 

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