मौद्रिक नीति नियंत्रण
मौद्रिक नीति नियंत्रण -- केंद्रीय बैंक द्वारा कुछ सुनिश्ति उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु मुद्रा तथा साख की आपूर्ति को नियंन्त्रित करने के लिए बनाई गई नीति मौद्रिक नीति है।
1 मात्रा में परिवर्तन करके
2 गति में परिवर्तन करके
3 उपलब्धता में परिवर्तन करके
4 लागत में परिवर्तन करके
मौद्रिक नीति का उद्देश्य --
मुद्रा की माँग तथा पूर्ति में सन्तुलन स्थापित करना
व्याज दर के नियंत्रण तथा नियमन के माध्यम से बैंकिंग व्यवस्था को विकास एवं मूल्य नियंत्रण में शामिल करना।
मुद्रा आपूर्ति को नियंत्रित करके विदेशी व्यापार में संतुलन स्थापित करना।
आन्तरिक मूल्यों में स्थिरता लाना।
आर्थिक विकास को गति प्रदान करना।
घरेलू वचत को प्रोत्साहित करना।
मौद्रिक नीति की विधियाँ --
परिमाणात्मक विधि -- बैंक दर , खुले बाजार की क्रियाएँ , न्यूनतम रक्षित कोष
गुणात्मक विधि -- चयनात्मक साख नियंत्रण , साख की राशनिंग , नैतिक प्रभाव , प्रचार , प्रत्यक्ष कार्यवाही
मन्दी के दिनों में मौद्रिक नीति के द्वारा पूर्ति में वृद्धि व्याज दर में कमी तथा इसके अतिरिक्त तेजी के दिनों में पूर्ति में कमी , ब्याज दर में वृद्धि आदि किए जाते है।
भारतीय रिजर्व बैंक --
मौद्रिक नीति का संचालक --
भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है। इसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 को की गई। 1 अप्रैल 1949 को सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। भारत सरकार का सम्पूर्ण मौद्रिक नियंत्रण भारतीय रिजर्व बैंक के हाथों में होता है।
भारतीय रिजर्व बैंक भारत का प्रधान मौद्रिक निकाय है।
पत्र - मुद्रा निर्गमन -- भारतीय पत्र - मुद्रा को जारी करने का एकमात्र अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक को है। 1 रु के नोट के अतिरिक्त अन्य सभी प्रचिलित नोटों का निर्गमन करता है।
सरकार का बैंक -- भारतीय रिजर्व बैक भारत सरकार तथा राज्य सरकारों की ओर से धन प्राप्त करता है , उनका भुगतान करता है तथा सरकारी कोषों का स्थानांतरण करता है।
बैंकों का बैंक -- भारतीय रिजर्व बैंक व्यापारिक बैंकों का अन्तिम ऋणदाता है तथा यह बैंकों की साख नीति को नियंत्रित करता है।
मौद्रिक नियामक -- भारतीय रिजर्व बैंक भारत का प्रधान मौद्रिक नियामक है। यह बैंक दर नीति , खुले बाजार की क्रियाओं आदि के माध्यम से मौद्रिक नीति का नियंत्रण करता है।
विदेशी विनिमय नियंत्रण -- विदेशी विनिमय बैंकों से आशय उन बैंकों से है , जो विदेशी विनिमय का कार्य करते है। भारतीय रिजर्व बैंक के पास विदेशी विनिमय का राष्ट्रीय कोष होता है। यह विभिन्न प्रकारों द्वारा रूपये की विनिमय दरों को नियंत्रित करता है। विनिमय दर को स्थिर बनाए रखने का कार्य भारतीय रिजर्व बैंक करता है।
कृषि एवं उद्योग के लिए साख की व्यवस्स्था करना।
विदेशी मुद्रा कोष की सुरक्षा करना।
सरकार की आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य सम्पादित करना।
1 मात्रा में परिवर्तन करके
2 गति में परिवर्तन करके
3 उपलब्धता में परिवर्तन करके
4 लागत में परिवर्तन करके
मौद्रिक नीति का उद्देश्य --
मुद्रा की माँग तथा पूर्ति में सन्तुलन स्थापित करना
व्याज दर के नियंत्रण तथा नियमन के माध्यम से बैंकिंग व्यवस्था को विकास एवं मूल्य नियंत्रण में शामिल करना।
मुद्रा आपूर्ति को नियंत्रित करके विदेशी व्यापार में संतुलन स्थापित करना।
आन्तरिक मूल्यों में स्थिरता लाना।
आर्थिक विकास को गति प्रदान करना।
घरेलू वचत को प्रोत्साहित करना।
मौद्रिक नीति की विधियाँ --
परिमाणात्मक विधि -- बैंक दर , खुले बाजार की क्रियाएँ , न्यूनतम रक्षित कोष
गुणात्मक विधि -- चयनात्मक साख नियंत्रण , साख की राशनिंग , नैतिक प्रभाव , प्रचार , प्रत्यक्ष कार्यवाही
मन्दी के दिनों में मौद्रिक नीति के द्वारा पूर्ति में वृद्धि व्याज दर में कमी तथा इसके अतिरिक्त तेजी के दिनों में पूर्ति में कमी , ब्याज दर में वृद्धि आदि किए जाते है।
भारतीय रिजर्व बैंक --
मौद्रिक नीति का संचालक --
भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है। इसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 को की गई। 1 अप्रैल 1949 को सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। भारत सरकार का सम्पूर्ण मौद्रिक नियंत्रण भारतीय रिजर्व बैंक के हाथों में होता है।
भारतीय रिजर्व बैंक भारत का प्रधान मौद्रिक निकाय है।
पत्र - मुद्रा निर्गमन -- भारतीय पत्र - मुद्रा को जारी करने का एकमात्र अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक को है। 1 रु के नोट के अतिरिक्त अन्य सभी प्रचिलित नोटों का निर्गमन करता है।
सरकार का बैंक -- भारतीय रिजर्व बैक भारत सरकार तथा राज्य सरकारों की ओर से धन प्राप्त करता है , उनका भुगतान करता है तथा सरकारी कोषों का स्थानांतरण करता है।
बैंकों का बैंक -- भारतीय रिजर्व बैंक व्यापारिक बैंकों का अन्तिम ऋणदाता है तथा यह बैंकों की साख नीति को नियंत्रित करता है।
मौद्रिक नियामक -- भारतीय रिजर्व बैंक भारत का प्रधान मौद्रिक नियामक है। यह बैंक दर नीति , खुले बाजार की क्रियाओं आदि के माध्यम से मौद्रिक नीति का नियंत्रण करता है।
विदेशी विनिमय नियंत्रण -- विदेशी विनिमय बैंकों से आशय उन बैंकों से है , जो विदेशी विनिमय का कार्य करते है। भारतीय रिजर्व बैंक के पास विदेशी विनिमय का राष्ट्रीय कोष होता है। यह विभिन्न प्रकारों द्वारा रूपये की विनिमय दरों को नियंत्रित करता है। विनिमय दर को स्थिर बनाए रखने का कार्य भारतीय रिजर्व बैंक करता है।
कृषि एवं उद्योग के लिए साख की व्यवस्स्था करना।
विदेशी मुद्रा कोष की सुरक्षा करना।
सरकार की आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य सम्पादित करना।
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