वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयाँ --
वस्तु के विभाजन की कठिनाई -- कुछ वस्तुओं का हम विभाजन नहीं कर सकते है , विभाजन करने से उनकी उपयोगिता खत्म हो जाती है जैसे - टी वी हाथी , कार आदि।
अतः विनिमय प्रणाली में वस्तुओं की अविभाजित भी बड़ा कारण बनती है तथा इन वस्तुओं के बदले में उनके स्वामी को उचित मूल्य प्राप्त नहीं होता है।
हस्तान्तर की असुविधा -- विनिमय प्रणाली के द्वारा बहुत सी वस्तुओं को हस्तान्तरित करने में समस्या उतपन्न होती है। जैसे - भवन ,, भूमि ,पशु , बड़ी वस्तु आदि। इस क्रिया में श्रम , धन तथा समय का अपव्यय भी होता है।
वैकल्पिक आवश्यकता का आभाव -- दोहरे संयोग का आभाव विनिमय प्रणाली की सबसे बड़ी समस्या है। इसमें एक व्यक्ति को ऐसे दूसरे व्यक्ति की तलाश करनी पड़ती है , जिसके पास उसकी आवश्यकता की वस्तु हो और वह व्यक्ति अपनी वस्तु के बदले में स्वयं उस मनुष्य की वस्तु लेने को ततपर हो। इस प्रकार दो पक्षों का ऐसा पारस्परिक संयोग मिलना कठिन होता है।
मूल्य के सर्वमान्य माप का आभाव -- विनिमय प्रणाली की एक अन्य समस्या मूल्य के सर्वमान्य माप का आभाव है। इसके अन्तर्गत मूल्य का कोई ऐसा सर्वमान्य माप नहीं है , जिसके द्वारा प्रत्येक वस्तु के मूल्य को विभिन्न वस्तुओं के सापेक्ष निश्चित किया जा सके।
स्थगित भुगतान में कठिनाई -- वस्तु - विनिमय प्रणाली के अन्तर्गत वस्तु के मूल्य स्थिर नहीं होते तथा वस्तुएँ कुछ समय बाद नष्ट होनी शुरू हो जाती है , जिसके कारण उधार लेने - देने में असुविधा रहती है।
मूल्य संचय की असुवुधा -- वस्तुओं को अधिक समय तक संचित्त करके रखहन्ना वस्तु - विनिमय प्रणाली के अन्तर्गत सम्भव नहीं है , क्योकि अनेक वस्तुएँ नाशवान होती है तथा उनके मूल्य भी स्थिर नहीं होते है। उपभोक्ताऔ के स्वभाव मी परिवर्तन हो जाने के कारण इसकी उपयोगिता भी कम हो जाती है।
सेवाओं के विनिमय में असुविधा -- डाँक्टर , अध्यापक आदि की सेवाओं का विनिमय कैसे हो , यह तय करना असम्भव होता है।
वस्तु के विभाजन की कठिनाई -- कुछ वस्तुओं का हम विभाजन नहीं कर सकते है , विभाजन करने से उनकी उपयोगिता खत्म हो जाती है जैसे - टी वी हाथी , कार आदि।
अतः विनिमय प्रणाली में वस्तुओं की अविभाजित भी बड़ा कारण बनती है तथा इन वस्तुओं के बदले में उनके स्वामी को उचित मूल्य प्राप्त नहीं होता है।
हस्तान्तर की असुविधा -- विनिमय प्रणाली के द्वारा बहुत सी वस्तुओं को हस्तान्तरित करने में समस्या उतपन्न होती है। जैसे - भवन ,, भूमि ,पशु , बड़ी वस्तु आदि। इस क्रिया में श्रम , धन तथा समय का अपव्यय भी होता है।
वैकल्पिक आवश्यकता का आभाव -- दोहरे संयोग का आभाव विनिमय प्रणाली की सबसे बड़ी समस्या है। इसमें एक व्यक्ति को ऐसे दूसरे व्यक्ति की तलाश करनी पड़ती है , जिसके पास उसकी आवश्यकता की वस्तु हो और वह व्यक्ति अपनी वस्तु के बदले में स्वयं उस मनुष्य की वस्तु लेने को ततपर हो। इस प्रकार दो पक्षों का ऐसा पारस्परिक संयोग मिलना कठिन होता है।
मूल्य के सर्वमान्य माप का आभाव -- विनिमय प्रणाली की एक अन्य समस्या मूल्य के सर्वमान्य माप का आभाव है। इसके अन्तर्गत मूल्य का कोई ऐसा सर्वमान्य माप नहीं है , जिसके द्वारा प्रत्येक वस्तु के मूल्य को विभिन्न वस्तुओं के सापेक्ष निश्चित किया जा सके।
स्थगित भुगतान में कठिनाई -- वस्तु - विनिमय प्रणाली के अन्तर्गत वस्तु के मूल्य स्थिर नहीं होते तथा वस्तुएँ कुछ समय बाद नष्ट होनी शुरू हो जाती है , जिसके कारण उधार लेने - देने में असुविधा रहती है।
मूल्य संचय की असुवुधा -- वस्तुओं को अधिक समय तक संचित्त करके रखहन्ना वस्तु - विनिमय प्रणाली के अन्तर्गत सम्भव नहीं है , क्योकि अनेक वस्तुएँ नाशवान होती है तथा उनके मूल्य भी स्थिर नहीं होते है। उपभोक्ताऔ के स्वभाव मी परिवर्तन हो जाने के कारण इसकी उपयोगिता भी कम हो जाती है।
सेवाओं के विनिमय में असुविधा -- डाँक्टर , अध्यापक आदि की सेवाओं का विनिमय कैसे हो , यह तय करना असम्भव होता है।
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