रामकृष्ण मिशन स्वामी विवेकानन्द --
रामकृष्ण मिशन की स्थापना 1897 में वेल्लूर में स्वामी विवेकानन्द ने अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस जो एक संत एवं चिंतक थे , की स्मृति में की थी।
स्वामी विवेकानन्द -- स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। इनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। इन्होंने पाश्चात्य दर्शन के साथ हिन्दू धर्म और दर्शन का भी गहन अध्ययन किया था। लगभग 20 वर्ष की आयु में वह रामकृष्ण परमहंस के सम्पर्क में आए और अपनी विचारधारा , लगन तथा समाज कल्याण की भावना के कारण जल्द ही रामकृष्ण परमहंन्स के प्रिय शिष्य बन गए। स्वामी विवेकानन्द संस्कृत और अंग्रेजी के उच्च कोटि के बक्ता थे। अपनी योग्यता के बल पर उन्हें 1893 में शिकांगो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधत्व करने का अवसर मिला।
संयुक्त राज्य अमेरिका जाने के पूर्व महाराज खेतड़ी के सुझाव पर उन्होंने अपना नाम नरेन्द्रनाथ के बजाय स्वामी विवेकानन्द रख लिया। उन्होंने दिन - दुखियों की निःस्वार्थ सेवा की 14 जुलाई 1902 को मात्र 39 वर्ष की आयु में उनका देहावसान हो गया। उनके महान कार्यों और निःस्वार्थ सेवा - भाव के कारण ही उन्हें आज भी याद किया जाता है। प्रतिवर्ष 12 जनवरी को देशवासी स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाते है।
रामकृष्ण मिशन के सिद्धान्त --
ईश्वर एक है और वह अजर - अमर है।
भारत की संस्कृति विश्व की सभी संस्कृतियों में सर्वश्रेष्ठ है।
प्रत्येक मनुष्य को अपने धर्म में आस्था और विश्वास रखना चाहिए , क्योकि सभी धर्म अच्छे है।
वेदान्त और उपनिषद ही सच्चे ग्रन्थ है।
आत्मा , परमात्मा का ही स्वरूप है।
मूर्ति पूजा ईश्वर की उपासना का प्रमुख साधन है।
प्रत्येक व्यक्ति को मानवता के लिए सदैव ततपर रहना चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति को सादा , पवित्र और त्यागमय जीवन व्यतीत करना चाहिए।
रामकृष्ण मिशन के कार्य एवं उपलब्धियाँ --
1 देश और विदेश भारतीय संस्कृति का प्रचार करने के लिए रामकृष्ण मठ और मिशन कार्यालय की स्थापना की गई।
2 प्राचीन धर्म - ग्रंथों की महत्ता को लोगों के सामने प्रस्तुत करके हिन्दू धर्म की प्रतिष्ठा बढ़ाई गई।
3 दलित लोगों की सेवा के लिए रामकृष्ण मिशन ने शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की।
4 निर्धन व्यक्तियों के लिए चिकित्सालय और अनाथालयों की स्थापना की गई।
5 रामकृष्ण मिशन के माध्यम से स्वामी विवेकानन्द ने विभिन्न तर्कों के आधार पर यह सिद्ध किया की भारत की संस्कृति विश्व की सभी संस्कृतियों में सर्वश्रेष्ठ और महान है।
6 हिन्दू धर्म में उदार और मानवतावादी दृष्टिकोण का समावेश करके विश्व में हिन्दू धर्म की प्रतिष्ठा बधाई।
रामकृष्ण मिशन की स्थापना 1897 में वेल्लूर में स्वामी विवेकानन्द ने अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस जो एक संत एवं चिंतक थे , की स्मृति में की थी।
स्वामी विवेकानन्द -- स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। इनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। इन्होंने पाश्चात्य दर्शन के साथ हिन्दू धर्म और दर्शन का भी गहन अध्ययन किया था। लगभग 20 वर्ष की आयु में वह रामकृष्ण परमहंस के सम्पर्क में आए और अपनी विचारधारा , लगन तथा समाज कल्याण की भावना के कारण जल्द ही रामकृष्ण परमहंन्स के प्रिय शिष्य बन गए। स्वामी विवेकानन्द संस्कृत और अंग्रेजी के उच्च कोटि के बक्ता थे। अपनी योग्यता के बल पर उन्हें 1893 में शिकांगो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधत्व करने का अवसर मिला।
संयुक्त राज्य अमेरिका जाने के पूर्व महाराज खेतड़ी के सुझाव पर उन्होंने अपना नाम नरेन्द्रनाथ के बजाय स्वामी विवेकानन्द रख लिया। उन्होंने दिन - दुखियों की निःस्वार्थ सेवा की 14 जुलाई 1902 को मात्र 39 वर्ष की आयु में उनका देहावसान हो गया। उनके महान कार्यों और निःस्वार्थ सेवा - भाव के कारण ही उन्हें आज भी याद किया जाता है। प्रतिवर्ष 12 जनवरी को देशवासी स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाते है।
रामकृष्ण मिशन के सिद्धान्त --
ईश्वर एक है और वह अजर - अमर है।
भारत की संस्कृति विश्व की सभी संस्कृतियों में सर्वश्रेष्ठ है।
प्रत्येक मनुष्य को अपने धर्म में आस्था और विश्वास रखना चाहिए , क्योकि सभी धर्म अच्छे है।
वेदान्त और उपनिषद ही सच्चे ग्रन्थ है।
आत्मा , परमात्मा का ही स्वरूप है।
मूर्ति पूजा ईश्वर की उपासना का प्रमुख साधन है।
प्रत्येक व्यक्ति को मानवता के लिए सदैव ततपर रहना चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति को सादा , पवित्र और त्यागमय जीवन व्यतीत करना चाहिए।
रामकृष्ण मिशन के कार्य एवं उपलब्धियाँ --
1 देश और विदेश भारतीय संस्कृति का प्रचार करने के लिए रामकृष्ण मठ और मिशन कार्यालय की स्थापना की गई।
2 प्राचीन धर्म - ग्रंथों की महत्ता को लोगों के सामने प्रस्तुत करके हिन्दू धर्म की प्रतिष्ठा बढ़ाई गई।
3 दलित लोगों की सेवा के लिए रामकृष्ण मिशन ने शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की।
4 निर्धन व्यक्तियों के लिए चिकित्सालय और अनाथालयों की स्थापना की गई।
5 रामकृष्ण मिशन के माध्यम से स्वामी विवेकानन्द ने विभिन्न तर्कों के आधार पर यह सिद्ध किया की भारत की संस्कृति विश्व की सभी संस्कृतियों में सर्वश्रेष्ठ और महान है।
6 हिन्दू धर्म में उदार और मानवतावादी दृष्टिकोण का समावेश करके विश्व में हिन्दू धर्म की प्रतिष्ठा बधाई।
Comments
Post a Comment