राष्ट्र् संघ - लीग ऑफ नेशन्स --
राष्ट्र संघ की स्थापना 10 जनवरी 1920 को विश्व में शान्ति तथा सुरक्षा कायम रखने तथा अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग में अभिवृद्धि करने के मुख्य उद्देश्य के साथ की गई थी। अमेरिका के राष्ट्र्रपति वुडरो विल्सन ने पेरिस शान्ति सम्मेलन में अपने 14 सूत्री सिद्धांतों में इस अन्तर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना का सुझाव दिया था। इस सुझाव के आधार पर जेनेवा में राष्ट्र संघ नामक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था का गठन किया गया।
विल्सन के 14 सूत्री सिद्धांत --
1 8 जनवरी 1918 को विल्सन ने 14 सूत्र रखे , जिनके आधार पर न्यायपूर्ण शान्ति स्थापित की जा सकती थी।
2 शान्ति संधियाँ प्रकट रूप से की जाएँ और उसके पश्चात किसी प्रकार के गुप्त कूटनीतिक समझौते न किए जाएँ।
3 शान्ति एवं युद्धकाल में समुद्रों की स्वतंत्रता सुरक्षित रहे और वे सभी राष्ट्रों के लिये खुले रहें।
4 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संबन्ध में सभी आर्थिक प्रतिबन्ध समाप्त कर दिए जाएँ और सभी राष्ट्र को व्यापार करने हेतु समान अवसर प्राप्त हों।
5 सभी राष्ट्र केवल उतने ही शस्त्र रखने का आश्वासन दें , जितने आन्तरिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक हो।
6 सभी राष्ट्रों के ओपनिवेशक दावों का स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से निपटारा होना चाहिए , किन्तु ऐसे मामलों का निर्णय करते समय वहाँ की सरकार की सम्प्रभुता के दावे के साथ - साथ उन क्षेत्रों की जनता के हितों को समान रूप से महत्त्व दिया जाए।
7 रूस की भूमि से जर्मनी की सेनाएँ हटा ली जाएँ और उसे राष्ट्र संघ में शामिल किया जाए।
8 बेल्जियम से जर्मनी की सेनाएँ हटा ली जाएँ और इनको पुनः पूर्ण प्रभुत्वसम्पन्न राज्य बनने का अवसर प्रदान किया जाए।
9 सम्पूर्ण फ्रांसीसी क्षेत्र से जर्मनी की सेनाएँ हट जाएँ तथा आलसेस - लॉरेन का क्षेत्र फ्रांस को लोटा दिया जाए।
10 राष्ट्रीयता के सिद्धांत के आधार पर इटली की सीमाएँ पुनः निश्चीत की जाए।
11 रोमानिया , सर्बिया तथा मांटिनिग्रो से मध्य यूयरोपीय राज्यों की सेना हटा ली जाए और उसके अधिग्रहण प्रदेश लोटा दिए जाएँ। बाल्कन राज्यों की राजनितिक एवं आर्थिक स्वतंत्रता तथा प्रादेशिक अखण्डता की अन्तर्राष्ट्रीय गारण्टी द्वारा सुरक्षा की जाए।
12 तुर्की के आटोमन साम्राज्य के विरुद्ध तुर्की प्रदेशों की सम्प्रभुता सुरक्षित रहे एवं शेष भागों की स्वायत्त शासन प्राप्त हो।
13 छोटे बड़े सभी राष्ट्रों की समान रूप से राजनितिक स्वतंत्र्रता व् प्रादेशिक अखण्डता का आश्वासन देते हुए एक मजबूत राष्ट्र्र संध की स्थापना की जाए।
राष्ट्र्र संघ के प्रमुख उद्देश्य --
1 विश्व को विध्वंसकारी युद्धों से बचाना , दो देशों के बीच उत्तपन्न होने वाले विवादों का नीष्पक्ष पंचायत द्वारा निपटारा करना इसका प्रमुख उद्देश्य था।
2 विश्व - शान्ति को बनाए रखना तथा अस्त्र - शस्त्रों की संख्या को सिमित करना।
3 विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की भावना का विकास करना। इस उद्देश्य हेतु ही रेडक्रास सोसायटी की स्थापना हुई थी।
4 1919 की पेरिस शान्ति सम्मेलन में की गई सन्धियों की रक्षा करना।
5 पराजित देशों से छीने गए उपनिवेशों के लिए मेण्डेट व्यवस्था की स्त्थापना करना तथा उन उपनिवेशों में राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्था करना।
6 श्रमिकों की दशा सुधारने के लिए प्रयास करना , विश्व में दस - प्रथा का समूल नाश करना , स्त्रयों तथा बच्चों के क्रय - विक्रय पर रोक लगाना एवं जनसाधारण की दशा को सुधारना राष्ट्र संघ के उद्देश्यों में शामिल था।
राष्ट्र संघ की स्थापना 10 जनवरी 1920 को विश्व में शान्ति तथा सुरक्षा कायम रखने तथा अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग में अभिवृद्धि करने के मुख्य उद्देश्य के साथ की गई थी। अमेरिका के राष्ट्र्रपति वुडरो विल्सन ने पेरिस शान्ति सम्मेलन में अपने 14 सूत्री सिद्धांतों में इस अन्तर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना का सुझाव दिया था। इस सुझाव के आधार पर जेनेवा में राष्ट्र संघ नामक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था का गठन किया गया।
विल्सन के 14 सूत्री सिद्धांत --
1 8 जनवरी 1918 को विल्सन ने 14 सूत्र रखे , जिनके आधार पर न्यायपूर्ण शान्ति स्थापित की जा सकती थी।
2 शान्ति संधियाँ प्रकट रूप से की जाएँ और उसके पश्चात किसी प्रकार के गुप्त कूटनीतिक समझौते न किए जाएँ।
3 शान्ति एवं युद्धकाल में समुद्रों की स्वतंत्रता सुरक्षित रहे और वे सभी राष्ट्रों के लिये खुले रहें।
4 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संबन्ध में सभी आर्थिक प्रतिबन्ध समाप्त कर दिए जाएँ और सभी राष्ट्र को व्यापार करने हेतु समान अवसर प्राप्त हों।
5 सभी राष्ट्र केवल उतने ही शस्त्र रखने का आश्वासन दें , जितने आन्तरिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक हो।
6 सभी राष्ट्रों के ओपनिवेशक दावों का स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से निपटारा होना चाहिए , किन्तु ऐसे मामलों का निर्णय करते समय वहाँ की सरकार की सम्प्रभुता के दावे के साथ - साथ उन क्षेत्रों की जनता के हितों को समान रूप से महत्त्व दिया जाए।
7 रूस की भूमि से जर्मनी की सेनाएँ हटा ली जाएँ और उसे राष्ट्र संघ में शामिल किया जाए।
8 बेल्जियम से जर्मनी की सेनाएँ हटा ली जाएँ और इनको पुनः पूर्ण प्रभुत्वसम्पन्न राज्य बनने का अवसर प्रदान किया जाए।
9 सम्पूर्ण फ्रांसीसी क्षेत्र से जर्मनी की सेनाएँ हट जाएँ तथा आलसेस - लॉरेन का क्षेत्र फ्रांस को लोटा दिया जाए।
10 राष्ट्रीयता के सिद्धांत के आधार पर इटली की सीमाएँ पुनः निश्चीत की जाए।
11 रोमानिया , सर्बिया तथा मांटिनिग्रो से मध्य यूयरोपीय राज्यों की सेना हटा ली जाए और उसके अधिग्रहण प्रदेश लोटा दिए जाएँ। बाल्कन राज्यों की राजनितिक एवं आर्थिक स्वतंत्रता तथा प्रादेशिक अखण्डता की अन्तर्राष्ट्रीय गारण्टी द्वारा सुरक्षा की जाए।
12 तुर्की के आटोमन साम्राज्य के विरुद्ध तुर्की प्रदेशों की सम्प्रभुता सुरक्षित रहे एवं शेष भागों की स्वायत्त शासन प्राप्त हो।
13 छोटे बड़े सभी राष्ट्रों की समान रूप से राजनितिक स्वतंत्र्रता व् प्रादेशिक अखण्डता का आश्वासन देते हुए एक मजबूत राष्ट्र्र संध की स्थापना की जाए।
राष्ट्र्र संघ के प्रमुख उद्देश्य --
1 विश्व को विध्वंसकारी युद्धों से बचाना , दो देशों के बीच उत्तपन्न होने वाले विवादों का नीष्पक्ष पंचायत द्वारा निपटारा करना इसका प्रमुख उद्देश्य था।
2 विश्व - शान्ति को बनाए रखना तथा अस्त्र - शस्त्रों की संख्या को सिमित करना।
3 विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की भावना का विकास करना। इस उद्देश्य हेतु ही रेडक्रास सोसायटी की स्थापना हुई थी।
4 1919 की पेरिस शान्ति सम्मेलन में की गई सन्धियों की रक्षा करना।
5 पराजित देशों से छीने गए उपनिवेशों के लिए मेण्डेट व्यवस्था की स्त्थापना करना तथा उन उपनिवेशों में राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्था करना।
6 श्रमिकों की दशा सुधारने के लिए प्रयास करना , विश्व में दस - प्रथा का समूल नाश करना , स्त्रयों तथा बच्चों के क्रय - विक्रय पर रोक लगाना एवं जनसाधारण की दशा को सुधारना राष्ट्र संघ के उद्देश्यों में शामिल था।
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