केन्द्र सरकार की आय के श्रोत
केन्द्र सरकार की आय के श्रोत --
केन्द्र सरकार की आय के दो श्रोत हैं एक प्रत्यक्ष और दूसरा अप्रत्यक्ष
प्रत्यक्ष कर द्वारा केन्द्र सरकार की आय --
निगम कर -- देशी - विदेशी कम्पनियों की आय पर केन्द्र सरकार द्वारा जो कर लगाया जाता है , वह निगम कर समानुपातिक होता है। निगम कर एक निश्चित दर से सम्पूर्ण आय पर लगाया है। यह भारत सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है।आयकर -- संधीय सरकार की आय का एक महत्वपूर्ण साधन आयकर है। यह उन पर लगाया जाता है , जिसकी आय सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक होती है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015 - 16 में रु 2,50,000 तक की राशि को आयकर से मुक्त रखा गया है।
सम्पति कर -- यह कर व्यक्तियों तथा परिवारों की निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य की सम्पत्ति पर लगाया जाता है। भारत में सर्वप्रथम वित्तीय वर्ष 1957 - 58 में सम्पत्ति कर लगाया गया। यह क्र 10 लाख से अधिक की सम्पत्ति पर लगाया जाता है।
उपहार कर -- किसी व्यक्ति द्वारा एक निश्चित मूल्य से अधिक का उपहार ग्रहण करने पर , उस पर लगे कर को उपहार कर कहते हैं। इसे लगाने का उद्देश्य करों की चोरी रोकना है। सरकार , शिक्षण संस्थाओं व् धार्मिक संस्थाओं द्वारा दिया गया उपहार कर - मुक्त होता है।
अप्रत्यक्ष कर द्वारा केन्द्र सरकार की आय --
आयात - निर्यात क्र या सीमा शुल्क -- देश के आयतों तथा निर्यातों पर जो कर लगाए जाते हैं , वह आयत - निर्यात या सिमा शुल्क क्र कहलाता है। घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतियोगिता से संरक्षण प्रदान करना तथा सरकार की आय में वृद्धि करना आयात कर लगाने का उद्देश्य तथा निर्यात कर सरकार की आय में वृद्धि करने तथा कीमतों में स्थिरता लाने के उद्देश्य में लगाए जाते हैं।केन्द्रीय उत्पाद शुल्क -- यह केन्द्रीय सरकार की आय का प्रमुख श्रोत है। उत्पाद शुल्क वस्तुओं के उत्पादकों पर लगाया जाता है। यह कर सीमेण्ट , कपड़ा , बिजली का सामान ,पेट्रोल , डीजल , चाय , काँफी , जूट , रेशम आदि के उत्पादन पर लगाया जाता है।
सेवा कर -- शेयर दलाल , कोरियर सेवा , पेजर सेवाएँ , फैक्स , फोटोग्राफी आदि अनेक सेवाएँ इस कर के दायरे में आती हैं। सेवा कर का आरोपण एवं संग्रहण केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है , परन्तु 95 वें संविधान वर्ष 2003 के अनुसार राज्य सरकार भी इस कर का आरोपण कर सकती है।
केन्द्र सरकार की आय के गैर - कर स्रोत --
करेंसी तथा सिक्के -- सिक्के तथा नोट छापने का अधिकार केन्द्र सरकार के पास है। इससे सरकार को आय प्राप्त होती है।
व्याज प्राप्तियां -- भारत सरकार केन्द्रय प्रतिष्ठानों , राज्यों आदि को उनकी आवश्यकता के आधार पर ऋण देती है , जिससे इन ऋणों पर व्याज के रूप में सरकार को आय प्राप्त होती है।
सामाजिक सेवाएँ -- अनेक सामाजिक सेवाएँ जैसे - सार्वजनिक चिकित्सा और शिक्षा संबन्धी सेवाएं प्रदान करने पर सरकार को आय प्राप्त होती है।
प्रशासनिक सेवाएँ -- भारत सरकार द्वारा शान्ति एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनेक प्रकार की प्रशासनिक सेवाएँ केंद्रशासित क्षेत्रों में प्रदान की जाती , है जिससे सरकार को आय प्राप्त होती है।
आर्थिक सेवाएँ -- अनेक प्रकार के आर्थिक कार्य करने पर जैसे - सड़क निर्माण , भू - संरक्षण , नदी घाटी परियोजनाएँ आदि से भारत सरकार को आय प्राप्त होती है।
सरकारी उद्योग - धन्धे -- सरकार द्वारा पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से जो उपक्रम स्थापित किए गए , उनसे सरकार को आय प्राप्त होती है।
डाक तथा तार विभाग -- डाक विभाग द्वारा भी विभिन्न प्रकार की सेवाओं तथा जमा योजनाओं द्वारा भी सरकार को आय प्राप्त होती है।
विनिवेश -- विनिवेश द्वारा भी सरकार आय प्राप्त करती है।
रेलें -- रेलवे से जो आय प्राप्त होती है , वह भी केन्द्रीय सरकार की आय का स्रोत है।
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