AIR POLLUTION

वायु प्रदूषण -- 

                     विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायु प्रदूषण को कुछ इस प्रकार परिभाषित किया है -

वायु प्रदूषण एक ऐसी स्थिति है जिसमे बाह्म वातावरण में मनुष्य और उसके पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाले तत्व संघन रूप से एकत्रित हो जाते है स्टष्ट है की सभी जीव को संतुलित वायु स्वास के रूप में लेने के अभ्यस्त होते है | वायु में अवाँछनीय तत्व जीवों को हानि पहुंचते है | वायु प्रदूषण को एक और प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है- वायुमंडल में विद्ययमान उन सभी अवांछनीय अवयवों को वह मात्रा जिसके कारण जीवधारियों को हानि पहुंचती है , वायु प्रदूषण कहलाता है | 


मानव जीवन पर वायु  के प्रभाव -  प्रदूषण से मानव  स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है जैसे - फेफड़ो का कैंसर, त्वचा संबन्धी व अस्थमा और फेफड़ो से संबन्धित रोग हो  जाते है  वाहनों के धुएँ में उपस्थित सीसा , कण शरीर में पहुँचकर यकृत , आहारनली , बच्चों में मस्तिक विकार , हड्डियों का गलना जैसे और भी गंम्भीर रोगों का कारण बनते है। 



वायु प्रदूषण के प्रकार Types of Air Pollution  


1 विविक्त प्रदूषण Particulate Air Pollution  -- वायु में अनेक प्रदूषक ठोस रूप में उड़ते हुए पाये जाते है ऐसे प्रदूषको के उदाहरण धूल , राख आदि है | यह कण बड़े छोटे आकर के होते है और पृथ्वी की सतह पर फैलकर प्रदूषण फैलाते है | इस प्रकार का वायु प्र्रदूषन विविक्त प्रदूषण कहलाता है 


2  गैसीय प्रदूषण -- मानव क्रियाओ के द्वारा अनेक प्रकार की गेसो का निर्माण होता है | गैसों के निर्माण में अनेक प्राकृतिक तत्वों के मिश्रण का भी योगदान रहता है | जब वायु में गंधक के आक्साइड , नाइट्रोजन के ऑक्साइड , ईधन के जलने पर निकलने वाला धूआँ मिल जाते है तो ऐसा प्रदूषण गैसीय प्रदूषण कहलाता है | 


3  रासायनिक प्रदूषण  Chemical Pollution -- आधुनिक उद्योगो में अनेक रासायनिक पदार्थों का प्रयोग होता है | इनमे कपड़ा उद्योग , कागज , चीनी , उर्वरक बनाने वाले उद्योग हमारे वायुमंडल में विषैली रासायनिक गैस छोड़कर वायु को  प्रदूषित कर रहे है 



4  धूआँ - धुंध व् अन्य प्रदूषण -- वायुमंडल में धूआँ व् कुहरा अर्थात वायु में विद्यमान जलवाष्प व जल बूंदो के महीन कण के संयोग से धुंध बनती है | जो वायुमंडल में घुटन पैदा करता है और दृश्यता कम कर  देता है 


वायु प्रदूषण मानव , जीव जन्तु एवं वनष्पति आदि सभी के लिए घातक होता जा रहा है | अतः वायु श्रोत एवं उसके प्रभावों पर गम्भीर चर्चा करने की व ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है | 


वायु प्रदूषण के श्रोत -- 


1  वाहनों के द्वारा वायु प्रदूषण -- वाहनों से निकलता धुआँ विकशित दक्षिण में प्रदूषण का एक बड़ा  शरदर्द बन गया है वाहनों के धुएं में बिभिन्न प्रकार की जहरीली गैसें होती है जो वायुमण्डल को दूषित कर वायु ककी गुणवत्ता को समाप्त है | ऐसे खतरनाक प्रदूषण सीसा , मोनो - ऑक्साइड ,  सल्फर  ऑक्साइड , सल्फ्यूरिक एसिड आदि आई | भारत में सभी बड़े नगर दिल्ली , कानपुर , कोलकता  , मुम्बई , अहमदाबाद आदि सभी संकटमय स्थित्ति में है | वायुयान से सल्फर डाइआक्साइड , तेल उद्योग से हाइड्रोकार्बन , एल्डिहाइड आदि विषैली गैसें निकलती है | ये गैसें वायु में मिश्रित होने पर मांनव शरीर पर अनेक कुप्रभाव डालती है | 


2  औद्योगिक प्रदूषण -- अनेक उद्योग भी वायु प्रदूषण को बढ़ाते है | ऐसे उद्योग मुख्यतः रसायनिक , इस्पात , खाद कारखाना , सीमेंत , चीनी पेट्रो रसायन आदि है | उर्वरक  उद्योग नाइट्रोजन ऑक्साइड , पोटेशियम युक्त उर्वरक , पोटाश के कण , इस्पात उद्योग से कार्बन डाइऑक्साइड ,  सल्फर डाइऑक्साइड  , धूल के कण , सीमेंट उद्योग से कैल्सियम , सोडियम , एलम्यूमीनियम , सिलिका के कण वायु में प्रवेश क्र वायुमण्डल को खराब कर  देते है | 


3  कृषि क्रियाएँ -- कृषि की फसलों को अनेक  हानिकारक जीव नुकसान पहुँचाते थे लेकिन अब जीवनाशी रसायनों का अविष्कार होने से फसलों को बचा लिया जाता है किन्तु इनके छिड़काब से कुछ रासायनिक मृदा को खराब करते है। और कुछ  अंश  वायु में मिलकर वायु प्रदूषण में वृद्धि करते हैं।  अनेक स्थानो पर इन रसायनों का छिड़काव हेलीकॉप्टर से जाता है ऐसा छिड़काव वायु में रसायनों की वृद्धि  करता है। 


4  घरेलू प्रदूषण -- भारत जैसे आज भी भोजन पकाने में ऊर्जा का 90% भाग गैर - वाणिज्यक ऊर्जा श्रोतो से प्राप्त होती है इसके  लीये लकड़ी , गोबर तथा कृषि कचरे का उपयोग होता है। इनके जलाने से उत्तपन्न धूआँ वायु को प्रदूषित करता है 


5  धूम्रपान --  वायु प्रदूषण का एक श्रोत लोगों की व्यक्तिगत आदतें भी है सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करने से धुंआ बढ़ता  है इसी प्रकार घर का कूड़ा - कवचरा बाहर फेंकने से भी वायु में कुछ कण प्रवेश करके प्रदूषण बढ़ाते है 


वनस्पति पर प्रभाव -- वायु प्रदूषण का वनस्पति पर बहुत ही गंभीर प्रभाव पड़ता है विशेषकर अम्लीय वर्षा , धूम कुहरा , ओजोन , कार्बन मोनोऑक्साइड , सल्फर डाइऑक्साइड ,फ्लोराइड आदि का वायु प्रदूषण के कारण पौधों को प्रकाश कम मिलता है अतः उनकी प्रकाश संश्लेषण क्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ता है | वाहनों से निकलता धुँआ भी वनस्पति के लिए हानिकारक होता है।  


जौवजन्तुओं पर प्रभाव -- मानव के समान पशुओ व् अन्य जोवों पर भी वायु प्रदूषण का हानिकारक प्रभाव पड़ता है।  जीव वायु ग्रहण करते है अतः प्रदूषण से विषाक्त पदार्थ शरीर में पहुंच जाते ही जो जीवों के लिए हानिकारक होते है पशुओं द्वारा खाये जाने वाले चरे पर क्लोराइड योगिक के गिरने से वे उनके शरीर में पहुंचकर हड्डियों तथा दांतों में  फ्लुओरोसिस कर  देते है पक्षियों पर भी वायु प्रदूषण का विपरीत पभाव पड़ता है।  


ओजोन परत पर वायु प्रदूषण के प्रभाव -- वायुमंडल में स्थित ओजोन परत का कबच मानब जीवन के लिए महत्वपूर्ण है क्योकि यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को ढाल की तरह रोककर जनजीवन की रक्षा करता है ये हानिकारक किरणे भी भू - मण्डल पर आकर हमारे शरीर में त्वचा केन्सर तथा आँखों में मूतियाविंद उतपन्न क्र अंधापन बढ़ती है तथा इससे जलजीवन एवं किसान की फसलों पर भी दुष्प्रभव पड़ता है। 


वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के कुछ कारगर उपाय -- 

1 कारखानों की चिमनियाँ और अधिक ऊँची हों  फिलटर लगाकर विषैली गैस तथा धुएं की की मात्रा  करनी चाहिए। 
2  वन काटने पर प्रतिबन्ध होना चाहिये और सामाजिक स्तर पर प्रदूषण की जानकारी लोगों को होनी चाहिए तथा प्रदूषण के नियंत्रण में उनकी भागीदारी सुनिश्चत होनी चाहिए
3  डीजल में संयोजो पदार्थों का मिश्रण करना चाहिए
4  पेट्रोल से सीसा तथा सल्फर को पृथक करना चाहिए
5  अधिक से अधिक मात्रा में पौधे लहये जाने चाहिए कुछ पड़े SO2का अवशोशण करते है इसी प्रकार कुछ पौधे नाइट्रोजन आक्साइडों का अवशोषण करते है अतः ऐसे पौधे अधिक मात्रा में लगाए जाने चाहिए। 
6 अधिक धूआँ देने वाले वाहनों पर प्रतिबन्द होना चाहिए व इलेक्ट्रिक बहनो को बढ़ावा देना चाहिए।
7 क्लोरो फ्लोरो कार्बन की उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए।
8 वनो का संवर्धन क्र वायु प्रदूषण को रोका जा सकता है।  एक शोध के अनुसार एक हेक्टेयर हरा भरा जंगल 18 घंटे में 900 किलोग्राम कार्बन डाइआक्साइड को अवसोसित करता है तथा लगभग 600 से 650 किलोग्राम आक्सीजन उत्तपन्न करता है हरे पेड़ पोधा हमारे द्वारा शवसन किर्या में  छोड़ी  जाने वाली हानिकारक कार्बन डाइआक्साइड को ग्रहण कर के उसे लगदायक आक्सीजन में परिवर्तित कर  है।  


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